दोस्ती कि कीमत By Shubham Bisht

मैनें मेरे एक दोस्त को फोन किया और कहा कि यह मेरा नया नंबर है, सेव कर लेना। 

 उसने बहुत अच्छा जवाब दिया और मेरी आँखों से आँसू निकल आए ।

 उसने कहा तेरी आवाज़ मैंने सेव कर रखी है। नंबर तुम चाहे कितने भी बदल लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

मैं तुझे तेरी आवाज़ से ही पहचान लूंगा।

 ये सुन के मुझे हरिवंश राय बच्चनजी की बहुत ही सुन्दर कविता याद आ गई.... "

अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीददार हम होंगे। 2

तुझे ख़बर ना होगी तेरी कीमत, पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे॥ 

"दोस्त साथ हों तो रोने में भी शान है।
 दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है॥
" "सारा खेल दोस्ती का हे ए मेरे दोस्त, वरना.. जनाजा और बारात एक ही समान है।

"``` *सारे दोस्तों को समर्पित.!* 🌹HAPPY FRIENDSHIP DAY🌹

1 comment:

Unknown said...

Very nicely written... Friends are really precious in our lives...🙏🙏🙏🙏🙏