चैत की चैत्वाळ नामक जागर नये सुर ताल में बड़ी पसन्द की जा रही है। दरअसल यह आक्षरी जागरण है। आक्षरी उत्तराखण्डी लाेकजनमानस में अप्सराओं के लिए प्रयुक्त हाेता है किन्तु साथ ही जाे कुंवारी कन्यायें या विवाहिता नवयुवतियां किसी कारणवश अल्पमृत्यु काे प्राप्त हाे जाती हैं उनकी आत्मा काे भूत की संज्ञा न देकर आक्षरी कहा जाता है। लाेकमानस में यह भी अवधारणा है कि ये आत्मायें अतृप्त रहती हैं और किसी काे हानि भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए विधि विधानपूर्वक उन्हें नचाने-खिलाने का प्रचलन है। जागर लगाने वाला जागरी या घंडियाळा मुख्य गायक हाेता है और डमरू की थाप पर ओजपूर्ण ढंग से कांसे की थाली बजाता हुआ आक्षरी का आह्वान करता है। सहायक गायक सुर में सुर मिलाते हैं। आत्मा रूपी आक्षरी का पहले पूजन किया जाता है फिर जागर गाया जाता है। किसी पर उसका स्वरूप भी प्रकट हाेता है। जागर में उसके रूप-लावण्य और सजीले स्वरूप का सांगाेपांग वर्णन किया जाता है। लाेक मान्यता के अनुसार आक्षरियां इससे संतुष्ट हाे जाती हैं और अपना आशीष भी देती हैं। छाेरी! शब्द का उच्चारण यहां पर करूणा रूप में लाड़ली बेटी से है। उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लाेक वाद्ययंत्र विशेषज्ञ और जागर गायक स्व० चन्द्रसिंह राही जी ने इस लाेक कला काे परिमार्जित स्वर दिया। अच्छी बात है कि वर्तमान पीढ़ी इसे नये कलेवर में पसंद कर रही है। राही जी काे भी श्रदांजलि।
छोरी ........
उड़नेडू एग्याय रे चैता की चैत्वल्या
चैता की चैत्वाल्या
चैता की चैत्वाल्या हा हा
शिव जी का बागवान सची फूल फुल्या छन ..
अरे फूल फूल्या छन ..
हा फूल फूल्या छ ना ना
हाथयो मा धरयु चा तेरु रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु घासी को घडुआ .
बल हाथयो मा धरयु चा तेरु रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु घासी को घडुआ .
बल रेशमी रुमालना भवरा हका ले ..
पोथला उड़े ले ...पोथला उड़े ल्या हा हा
बल रेशमी रुमालना भवरा हका ले ..
पोथला उड़े ले ...पोथला उड़े ल्या हां हां ...
खुट्यु की झवरी तेरी छुम छुम बजली
तु ता ठुम ठुम हिटेली
बल खुट्यु की झवरी तेरी छुम छुम बजाली
तुता ठुम ठुम हिटेली
तुतो बिग्रेली घुट्यो न
सचे कनु खेल लगेली
अरे पिफले डाली मुड़ी तू चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली .
चोपत्ति खेल ली ..ल्या हां हां
बल पिफले डाली मुड़ी तू चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली
चोपत्ति खेली ..ल्या हां हां
तड़तड़ी नाकुड़ी तेरी सुडसुडी नाकुड़ी तेरी
संगुली सी बुलाक तेरी . ,
तड़तड़ी नुकड़ीनदा छोरी , भली बीराजी दीन्दा
सची भुराणी लटुली
अरे भूराणी लटुली तेरी डांडाती फुरमा ..
छोरी फुर फुरा उडाली
मन मा खित खिता हैसदी ..
तू का देखा देके जाना
भुराणी लटुली व् फुरर फुरा उड़े ले
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा उड़े ल्या हा हा ..
बल घुन्ग्रयाली लटुली व् फर फुरा उड़े ले ..
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा उड़े ल्या हा हा ..
सुवापंखी साडी तेरी मखमली अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सुवापंखी साडी तेरी मखमली अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सचे रासुल्या का बीच , छोरी डांडा की कुले मा
पिंगली चादरी व् फुर फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़े ल्या हां हां ..
बल भला भला फूलो की चोंसरी बणे ले
फूलमाला गड़े ले ..चोंसरी बाणे ल्या हां हां
पैल्या की फूलमाला तू बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू केदार चढे ले .
बल पैल्या की फूलमाला तू बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू केदार चढे ले .
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार चढे ले ..
हरिद्वार चढे ले
हरिद्वार चढे ल्या हां हां ...’
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार चढे ले ले ..
हरिद्वार चढे ले ले ..
हरिद्वार नहे ल्या हां हां ...
छोरी ........
उड़नेडू एग्याय रे चैता की चैत्वल्या
चैता की चैत्वाल्या
चैता की चैत्वाल्या हा हा
शिव जी का बागवान सची फूल फुल्या छन ..
अरे फूल फूल्या छन ..
हा फूल फूल्या छ ना ना
हाथयो मा धरयु चा तेरु रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु घासी को घडुआ .
बल हाथयो मा धरयु चा तेरु रेशमी रूमाला
सचे मुंड मा धरयु च तेरु घासी को घडुआ .
बल रेशमी रुमालना भवरा हका ले ..
पोथला उड़े ले ...पोथला उड़े ल्या हा हा
बल रेशमी रुमालना भवरा हका ले ..
पोथला उड़े ले ...पोथला उड़े ल्या हां हां ...
खुट्यु की झवरी तेरी छुम छुम बजली
तु ता ठुम ठुम हिटेली
बल खुट्यु की झवरी तेरी छुम छुम बजाली
तुता ठुम ठुम हिटेली
तुतो बिग्रेली घुट्यो न
सचे कनु खेल लगेली
अरे पिफले डाली मुड़ी तू चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली .
चोपत्ति खेल ली ..ल्या हां हां
बल पिफले डाली मुड़ी तू चौफली खेलली
चोपत्ति खेल ली
चोपत्ति खेली ..ल्या हां हां
तड़तड़ी नाकुड़ी तेरी सुडसुडी नाकुड़ी तेरी
संगुली सी बुलाक तेरी . ,
तड़तड़ी नुकड़ीनदा छोरी , भली बीराजी दीन्दा
सची भुराणी लटुली
अरे भूराणी लटुली तेरी डांडाती फुरमा ..
छोरी फुर फुरा उडाली
मन मा खित खिता हैसदी ..
तू का देखा देके जाना
भुराणी लटुली व् फुरर फुरा उड़े ले
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा उड़े ल्या हा हा ..
बल घुन्ग्रयाली लटुली व् फर फुरा उड़े ले ..
फुर फुरा उड़ेले फुर फुरा उड़े ल्या हा हा ..
सुवापंखी साडी तेरी मखमली अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सुवापंखी साडी तेरी मखमली अंगिया तेरी पिंगली चादरी
सचे रासुल्या का बीच , छोरी डांडा की कुले मा
पिंगली चादरी व् फुर फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़ेले
फुर फुरा उड़े ल्या हां हां ..
बल भला भला फूलो की चोंसरी बणे ले
फूलमाला गड़े ले ..चोंसरी बाणे ल्या हां हां
पैल्या की फूलमाला तू बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू केदार चढे ले .
बल पैल्या की फूलमाला तू बद्री चढे ले ..
बल दूसरी फूलमाला तू केदार चढे ले .
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार चढे ले ..
हरिद्वार चढे ले
हरिद्वार चढे ल्या हां हां ...’
बल तीसरी फूलमाला हरिद्वार चढे ले ले ..
हरिद्वार चढे ले ले ..
हरिद्वार नहे ल्या हां हां ...
1 comment:
please translate the song in hindi😍
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